उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले में एक बहू को जिंदा जलाने के अपराध में 70 वर्षीय महिला को स्थानीय अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने उस पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. यह घटना 20 दिसंबर, 2017 को जिले के गुगली थाना क्षेत्र के अमोधा गांव में हुई थी.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पवन कुमार श्रीवास्तव ने मंगलवार को अपनी बहू आरती गौर (23) की दहेज की मांग पूरी न करने पर हत्या करने के मामले में दोषी कौशल्या देवी को उम्रकैद की सजा सुनाई. सरकारी वकील संतोष कुमार मिश्रा ने बताया कि अपराधी महिला ने तेल डालकर बहू को जिंदा जला दिया.
सरकारी वकील ने बताया कि मृतक महिला के पिता जय प्रकाश गौर की शिकायत के आधार पर कौशल्या देवी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया था. केस की सुनवाई के दौरान नौ लोगों की गवाही हुई. इसके बाद अदालत ने दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
बताते चलें कि अगस्त में उत्तर प्रदेश के बरेली में दहेज हत्या के मामले में एक मृतक महिला के पति और सास को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. न्यायाधीश अभय श्रीवास्तव ने दोषी पति दर्शन सिंह (29) और उसकी मां कमलेश देवी (63) पर 15-15 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया था.
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अनूप कोहरवाला ने बताया था कि बरेली शहर के सीबीगंज क्षेत्र की रहने वाली महिला के पिता प्रमोद कुमार ने साल 2021 में फतेहगंज पश्चिम थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनकी बेटी की शादी साल 2020 में चनेटा गांव के दर्शन सिंह से हुई थी.
शादी के बाद से ही उनकी बेटी का पति और सास परेशान करते थे. वे लोग उससे एक रेफ्रिजरेटर और 2 लाख रुपए की मांग कर रहे थे. इस वजह से वो परेशान रहा करती थी. दहेज की मांग पूरी नहीं होने पर आरोपियों ने 6 फरवरी, 2021 को पीड़िता की हत्या कर दी. पोस्टमार्टम में पीड़िता के गले पर रस्सी के निशान पाए गए.
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